Lakshmi Pujan 2025 दिवाली के पाँच दिनों में सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र दिन होता है। इस दिन माता लक्ष्मी, जो धन, सौभाग्य और समृद्धि की देवी हैं, की पूजा की जाती है। इस अवसर पर लोग माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की आराधना करते हैं ताकि उनके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहे।
Lakshmi Pujan 2025 की तिथि और दिन
Lakshmi Pujan 2025 का पर्व सोमवार, 20 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। यह दिन कार्तिक अमावस्या तिथि को पड़ता है। यह दिन अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। दिवाली के इस दिन का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यंत विशेष होता है।
Lakshmi Pujan 2025 का शुभ मुहूर्त
सही मुहूर्त में पूजा करने से देवी लक्ष्मी की कृपा और धन की प्राप्ति होती है।
- लक्ष्मी पूजन मुहूर्त: शाम 06:55 बजे से 08:17 बजे तक
- प्रदोष काल: शाम 06:35 बजे से 08:47 बजे तक
- अमावस्या तिथि प्रारंभ: 20 अक्टूबर 2025 को शाम 06:40 बजे
- अमावस्या तिथि समाप्त: 21 अक्टूबर 2025 को शाम 05:10 बजे
प्रदोष काल में पूजा करना सबसे शुभ माना गया है क्योंकि मान्यता है कि इसी समय माता लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं।
लक्ष्मी पूजन का महत्व
लक्ष्मी पूजन का सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन माता लक्ष्मी स्वच्छ और उज्जवल घरों में प्रवेश करती हैं और वहां धन-धान्य की वर्षा करती हैं। इसलिए इस दिन घर की सफाई और दीपों से सजावट का विशेष ध्यान रखा जाता है।
यह पूजा न केवल भौतिक समृद्धि के लिए बल्कि आध्यात्मिक शुद्धता के लिए भी की जाती है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा भी साथ में की जाती है ताकि जीवन की सभी बाधाएं दूर हों और सफलता मिले।
Lakshmi Pujan 2025 की विधि (Puja Vidhi)
लोग Lakshmi Pujan 2025 पूरे श्रद्धा और विधि-विधान से करते हैं। आइए जानते हैं पूजा के मुख्य चरण:
- घर की सफाई और सजावट:
सबसे पहले घर को साफ किया जाता है और रंगोली, तोरण, फूलों और दीपों से सजाया जाता है। - दीप जलाना:
दीपक जलाने से नकारात्मकता दूर होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। - पूजा थाली की तैयारी:
माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा या तस्वीर को स्वच्छ स्थान पर रखा जाता है। पूजा थाली में मिठाई, फल, सिक्के, चावल और फूल चढ़ाए जाते हैं। - मंत्र जाप और आरती:
श्रद्धापूर्वक श्री सूक्तम्, लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली का पाठ किया जाता है और आरती की जाती है। - प्रसाद वितरण:
पूजा के बाद प्रसाद और मिठाई परिवारजनों और पड़ोसियों में बांटी जाती है।
लक्ष्मी पूजन का आध्यात्मिक अर्थ
Lakshmi Pujan 2025 केवल पूजा का दिन नहीं है, बल्कि आत्मिक शुद्धता का प्रतीक भी है। दीप जलाना ज्ञान और जागृति का संकेत है। घर की सफाई मन और आत्मा को स्वच्छ करने का संदेश देती है।
यह पर्व हमें सिखाता है कि जीवन में लालच, नकारात्मकता और आलस्य को दूर कर उदारता और कृतज्ञता को अपनाना चाहिए। यह भौतिक और आध्यात्मिक दोनों तरह की प्रगति का संदेश देता है।
लक्ष्मी पूजन के दौरान की परंपराएं
Lakshmi Pujan 2025 के दिन व्यापारी वर्ग चोपड़ा पूजन (हिसाब-किताब की पूजा) करते हैं। यह नए वित्तीय वर्ष की शुभ शुरुआत का प्रतीक है।
लोग इस दिन सोना, चांदी या नए बर्तन भी खरीदते हैं क्योंकि इसे शुभ माना जाता है। परिवारजन मिठाइयाँ और उपहार बांटते हैं, जिससे प्रेम और आनंद का माहौल बनता है।
दिवाली में लक्ष्मी पूजन का स्थान
लक्ष्मी पूजन दिवाली के पाँच मुख्य दिनों में सबसे महत्वपूर्ण दिन है:
- वासुबारा (गोवत्स द्वादशी) – गाय और बछड़े की पूजा
- धनतेरस – धन और स्वास्थ्य के लिए पूजा
- छोटी दिवाली (नरक चतुर्दशी) – बुराई पर अच्छाई की विजय
- लक्ष्मी पूजन (मुख्य दिवाली) – माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा
- गोवर्धन पूजा और भाई दूज – भगवान कृष्ण और भाई-बहन के प्रेम का पर्व
इन पाँच दिनों में से लक्ष्मी पूजन को सबसे शुभ और मुख्य माना जाता है क्योंकि यह धन, सौभाग्य और भक्ति का संगम है।
निष्कर्ष: Lakshmi Pujan 2025 पर श्रद्धा और समृद्धि का स्वागत करें
Lakshmi Pujan 2025 हमें याद दिलाता है कि सच्ची समृद्धि केवल धन में नहीं, बल्कि मन की शुद्धता और आभार में है। श्रद्धा और सच्चे मन से पूजा करने से देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
इस दिवाली अपने घर को दीपों से जगमगाएं, मन को सकारात्मक बनाएं और देवी लक्ष्मी से अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्रार्थना करें।
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