परिचय
आज पूरी दुनिया की निगाहें एक बार फिर All eyes on Gaza पर टिकी हैं। दशकों से चल रहा इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष एक ऐसे मोड़ पर पहुँच गया है, जहाँ उम्मीद और अनिश्चितता दोनों साथ-साथ खड़ी हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा पेश किए गए सीज़फायर और 20-प्वाइंट शांति प्लान ने नई हलचल मचाई है। इस योजना के तहत हमास बंधकों को रिहा करने पर विचार कर रहा है और इज़राइल चरणबद्ध वापसी की बात कर रहा है। लेकिन क्या यह समझौता वास्तव में ग़ज़ा में स्थायी शांति ला पाएगा? यही सवाल पूरी दुनिया पूछ रही है।
नेतन्याहू की प्रतिक्रिया और इज़राइल की रणनीति
इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हमास की बंधक रिहाई की तैयारी “एक बड़ी उपलब्धि की शुरुआत” है। उन्होंने साफ़ किया कि यह कदम केवल सैन्य और कूटनीतिक दबाव का परिणाम है।
उनके अनुसार,
- “हमारा लक्ष्य सभी बंधकों को वापस लाना है।”
- हमास को या तो ट्रम्प की योजना के ज़रिए या फिर इज़राइल की सैन्य ताक़त से निहत्था किया जाएगा।
नेतन्याहू चाहते हैं कि यह समझौता जल्द से जल्द हो, ताकि यहूदी त्योहार सुक्कोत के दौरान बंधक वापस लाए जा सकें।
नेतन्याहू के देर रात के भाषण ने एक बार फिर कर दिया है माहौल गर्म, और सबका ध्यान – All eyes on Gaza।
ट्रंप की 20 पॉइंट शांति योजना के बाद अब हर किसी की उम्मीदें और शक–सवाल हैं – All eyes on Gaza।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इसे “बड़ा दिन” और “करीबी शांति” बताया है। उन्होंने कहा कि अब देरी या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस योजना के मुख्य बिंदु हैं:
- हमास 48 बंधकों को तीन दिनों के भीतर छोड़े।
- इज़राइल चरणबद्ध वापसी करे।
- ग़ज़ा में अंतरराष्ट्रीय निगरानी में नई फिलिस्तीनी प्रशासनिक व्यवस्था बने।
- मानवीय मदद और पुनर्निर्माण की अनुमति मिले।
- अंततः हमास का निरस्त्रीकरण (Disarmament) सुनिश्चित किया जाए।
ट्रम्प ने क़तर, तुर्की, सऊदी अरब, मिस्र और जॉर्डन जैसे अरब देशों को धन्यवाद देते हुए कहा कि सभी ने शांति का समर्थन किया है।
वॉशिंगटन से लेकर काहिरा तक, नेताओं की नज़रें एक ही जगह हैं – All eyes on Gaza।
हमास की पेशकश
हमास ने कहा कि वह:
- सभी बचे हुए बंधकों को छोड़ने को तैयार है।
- बदले में 250 उम्रकैद काट रहे कैदियों और 1,700 अन्य कैदियों की रिहाई चाहता है।
- हर मृत इज़राइली बंधक के बदले 15 फिलिस्तीनी शव लौटाने की माँग की है।
हालांकि, हमास ने निरस्त्रीकरण पर चुप्पी साधी है, जो ट्रम्प की योजना की अहम शर्त है।
मध्यस्थों की भूमिका
- मिस्र ने वार्ता की मेज़बानी का ऐलान किया है।
- क़तर ने हमास की प्रतिक्रिया का स्वागत किया।
- संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सभी पक्षों से “इस अवसर को भुनाने” की अपील की।
इन कूटनीतिक प्रयासों से एक बार फिर All eyes on Gaza पर केंद्रित हो गए हैं।
दुनिया की प्रतिक्रियाएँ
- फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा – “बंधकों की रिहाई और युद्धविराम अब पास है।”
- जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ ने इसे “शांति का सबसे अच्छा मौका” बताया।
- ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किअर स्टारमर ने इसे “महत्वपूर्ण कदम” करार दिया।
- तुर्की और जॉर्डन ने इसे तत्काल युद्धविराम का अवसर बताया।
- लेकिन लेबनान के हिज़बुल्लाह नेता नैम क़ासिम ने चेतावनी दी कि यह सौदा “खतरों से भरा” है।

ग़ज़ा में ज़मीनी हालात
हालाँकि ट्रम्प ने कहा कि इज़राइल ने बमबारी रोक दी है, लेकिन वास्तविकता अलग है।
- ग़ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 60 मौतों की पुष्टि की।
- अल-अहली अस्पताल ने बताया कि एक हमले में 17 मरे और 25 घायल हुए।
- विस्थापित फिलिस्तीनियों को चेतावनी दी गई कि ग़ज़ा सिटी अब भी “खतरनाक युद्ध क्षेत्र” है।
मृतकों की संख्या 67,000 से अधिक पहुँच चुकी है, जिसमें लगभग आधे महिलाएँ और बच्चे हैं।
आगे क्या?
काहिरा में होने वाली वार्ताओं में मुख्य रूप से:
- इज़राइली वापसी की सीमाएँ तय होंगी।
- कैदी-बदली और शवों की अदला-बदली पर चर्चा होगी।
- अंतरराष्ट्रीय निगरानी तंत्र बनाया जाएगा।
लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या हमास वास्तव में हथियार डालेगा और क्या नेतन्याहू की सरकार इसे स्वीकार करेगी?
निष्कर्ष
फिलहाल दुनिया की नज़रें सिर्फ़ एक जगह टिकी हैं – All eyes on Gaza। यह समझौता युद्ध की आग बुझा सकता है, परंतु भरोसा तभी बनेगा जब दोनों पक्ष अपने वादों पर टिके रहें। ट्रम्प की योजना से उम्मीद जगी है, लेकिन ग़ज़ा के बच्चों की हक़ीक़त बताती है कि शांति का रास्ता अभी भी लंबा और कठिन है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियाँ साफ कह रही हैं – All eyes on Gaza।
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FAQs
Q 1. “गाज़ा पर सबकी नज़र” का क्या अर्थ है?
यह गाज़ा में चल रहे मानवीय और राजनीतिक संकट पर वैश्विक ध्यान और एकाग्रता को दर्शाता है।
Q 2. ट्रम्प की 20-सूत्रीय गाज़ा शांति योजना क्या है?
इस योजना में बंधकों की रिहाई, चरणबद्ध इज़राइली वापसी, गाज़ा पर अंतर्राष्ट्रीय निगरानी, मानवीय सहायता, पुनर्निर्माण और अंततः हमास का निरस्त्रीकरण शामिल है।
Q 3. क्या हमास बंधकों को रिहा करने के लिए तैयार है?
हाँ, हमास ने हज़ारों फ़िलिस्तीनी कैदियों के बदले में शेष सभी बंधकों को रिहा करने की तत्परता का संकेत दिया है, लेकिन उसने निरस्त्रीकरण की पुष्टि नहीं की है।
Q 4. प्रस्तावित युद्धविराम पर दुनिया की क्या प्रतिक्रिया रही है?
इस योजना को अमेरिका, यूरोप और कतर व मिस्र जैसे अरब देशों का समर्थन प्राप्त हुआ। हालाँकि, हिज़्बुल्लाह जैसे समूहों ने इसे जोखिम भरा बताते हुए इसके खिलाफ चेतावनी दी है।
Q 5. क्या यह शांति समझौता गाज़ा में स्थायी स्थिरता लाएगा?
यह अभी भी अनिश्चित है। स्थायी शांति इस बात पर निर्भर करती है कि हमास निरस्त्रीकरण के लिए सहमत हो और इज़राइल मानवीय पहुँच और निष्पक्ष वार्ता सुनिश्चित करे।
