Kojagiri Purnima 2025: तिथि, पूजा विधि, महत्व और खास उपाय

भारत अपने जीवंत त्योहारों के लिए जाना जाता है और प्रत्येक त्योहार का अपना धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है। इनमें Kojagiri Purnima का विशेष महत्व है। इसे शरद पूर्णिमा, रस पूर्णिमा या कौमुदी उत्सव के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस Kojagiri Purnima की रात देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर अवतरित होती हैं और अपने भक्तों को समृद्धि और सुख का आशीर्वाद देती हैं।

Kojagiri Purnima 2025
Kojagiri Purnima 2025

इस वर्ष, Kojagiri Purnima 2025 6 अक्टूबर (सोमवार) को मनाई जाएगी। आइए इसके महत्व, अनुष्ठानों और कुछ शक्तिशाली उपायों के बारे में जानें जो जीवन में शांति, स्वास्थ्य और धन ला सकते हैं।

Kojagiri Purnima 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त

  • तिथि: 6 अक्टूबर 2025 (सोमवार)
  • पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 6 अक्टूबर सुबह 9:15 बजे से
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त: 7 अक्टूबर सुबह 10:05 बजे तक
  • पूजन का श्रेष्ठ समय: रात्रि 10 बजे से मध्यरात्रि तक

Kojagiri Purnima का महत्व

  1. चंद्रमा की 16 कलाएं पूर्ण
    हिंदू मान्यता के अनुसार, शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा अपनी सभी सोलह कलाओं से युक्त होता है, जिससे यह पूर्णिमा वर्ष की सबसे अधिक प्रकाशमान और आध्यात्मिक रूप से ऊर्जावान रात बन जाती है।
  2. मां लक्ष्मी का आगमन
    ऐसा माना जाता है कि इस रात देवी लक्ष्मी यह देखने के लिए घूमती हैं कि कौन से भक्त जाग रहे हैं और उनकी पूजा कर रहे हैं। वह उन घरों को समृद्धि, धन और प्रचुरता का आशीर्वाद देती हैं।
  3. खीर की परंपरा
    इस रात, भक्त खीर (दूध और चीनी से बनी मीठी खीर) बनाकर उसे चाँदनी में रखते हैं। ऐसा माना जाता है कि चाँद की किरणें खीर में अमृत घोलती हैं, जिससे यह शुभ और स्वास्थ्य एवं समृद्धि के लिए अत्यंत लाभकारी होती है।

Kojagiri Purnima 2025 पूजा विधि

  1. संध्या स्नान और संकल्प
    संध्या समय स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और पूजा स्थल को सजाएं।
  2. कलश स्थापना
    मिट्टी, तांबे या चांदी के कलश में गंगाजल भरें, उस पर स्वर्णमयी या चांदी की प्रतिमा रखकर मां लक्ष्मी का आह्वान करें।
  3. लक्ष्मी पूजन
    मां को सफेद फूल, पीली कौड़ी, चांदी का सिक्का और खीर का भोग अर्पित करें।
  4. दीपदान
    घर के मुख्य द्वार पर गाय के घी का दीपक जलाकर रखें।
  5. चंद्रमा अर्घ्य
    रात में चंद्रमा को गंगाजल, दूध, शक्कर और फूल मिलाकर अर्घ्य दें।
  6. रात्रि जागरण
    भजन-कीर्तन और मां लक्ष्मी की आराधना करते हुए पूरी रात जागरण का महत्व है।

Kojagiri Purnima 2025 पर करने योग्य उपाय

1. खीर का प्रसाद

चावल, दूध और शक्कर से बनी खीर चंद्रमा की रोशनी में रखें और बाद में परिवार सहित ग्रहण करें। इससे घर में स्वास्थ्य और सौभाग्य आता है।

2. लक्ष्मी पूजन में चांदी का सिक्का

पूजा के बाद चांदी का सिक्का तिजोरी या पर्स में रखने से धन में वृद्धि होती है।

3. तुलसी पूजा

शाम के समय तुलसी पर गाय के घी का दीपक जलाकर खीर का भोग लगाएं। इससे घर में सुख-शांति और वैभव आता है।

4. दीपदान का महत्व

मुख्य द्वार पर घी का दीपक रखकर दरवाजे खुले छोड़ें। मान्यता है कि मां लक्ष्मी खुले दरवाजे वाले घर में प्रवेश करती हैं।

5. पीली कौड़ी अर्पण

मां लक्ष्मी को 11 पीली कौड़ियां अर्पित करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।

Kojagiri Purnima 2025: विभिन्न राज्यों में परंपराएं

  • ओडिशा: कुमार पूर्णिमा के नाम से प्रसिद्ध, यह दिन भगवान शिव के पुत्र भगवान कार्तिकेय के जन्म का प्रतीक है।
  • गुजरात: शरद पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है, लोग चांदनी रात में गरबा नृत्य करते हैं।
  • महाराष्ट्र: लोकप्रिय रूप से कोजागिरी पूर्णिमा के नाम से प्रसिद्ध, इस दिन परिवार के सबसे बड़े पुत्र का सम्मान किया जाता है। परिवार के लोग एकत्रित होकर खीर का आनंद लेते हैं।
  • पश्चिम बंगाल: इसे कोजागोरी लक्ष्मी पूजा के रूप में मनाया जाता है, जहाँ भक्त पूरी श्रद्धा से देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं और पूरी रात जागते हैं।

Kojagiri Purnima 2025: वैज्ञानिक दृष्टिकोण

आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से, शरद पूर्णिमा की चांदनी में औषधीय गुण पाए जाते हैं। जब खीर को चांदनी में रखा जाता है, तो वह आरोग्यवर्धक ऊर्जा ग्रहण करती है। इस खीर का सेवन पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और समग्र स्वास्थ्य में सहायक होता है।

Kojagiri Purnima 2025 से जुड़े खास तथ्य

  • इस रात को 100 दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
  • बंगाल और झारखंड में बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम और मेले आयोजित किए जाते हैं।
  • पौराणिक मान्यता है कि इसी रात भगवान कृष्ण ने गोपियों के साथ महा-रास रचाया था, इसलिए इसे रास पूर्णिमा भी कहा जाता है।

निष्कर्ष

Kojagiri Purnima 2025 केवल एक धार्मिक उत्सव ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, धन और आध्यात्मिक जागृति का उत्सव भी है। इस रात, देवी लक्ष्मी की दिव्य कृपा और पूर्णिमा की दिव्य शक्ति मिलकर इसे सचमुच शुभ बनाती है।

पूजा अनुष्ठान करके, चांदनी में खीर का भोग लगाकर और पारंपरिक उपचारों का पालन करके, भक्त अपने जीवन में सुख, सफलता और समृद्धि को आमंत्रित कर सकते हैं।

तो, 6 अक्टूबर 2025 को, अवश्य जागें, देवी लक्ष्मी की पूजा करें और Kojagiri Purnima के दिव्य आकर्षण का अनुभव करें।

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FAQs – Kojagiri Purnima 2025

Q 1. Kojagiri Purnima 2025 कब है?
यह 6 अक्टूबर 2025 (सोमवार) को है।

Q 2. Kojagiri Purnima पर क्या करना चाहिए?
देवी लक्ष्मी की पूजा करें, चंद्रमा को अर्घ्य दें और खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से पहले चांदनी में रखें।

Q 3. इस रात खीर क्यों खाते हैं?

ऐसा माना जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की किरणें खीर में अमृत घोल देती हैं, जिससे यह दिव्य और लाभकारी हो जाती है।

Q 4. क्या Kojagiri Purnima पर उपवास रखा जाता है?

हाँ, कई विवाहित महिलाएँ अपने परिवार की खुशहाली और समृद्धि के लिए उपवास रखती हैं।

Q 5. Kojagiri Purnima के अन्य नाम क्या हैं?

शरद पूर्णिमा, रस पूर्णिमा, कौमुदी उत्सव और कोजागोरी लक्ष्मी पूजा।

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