अभिनेता-निर्देशक Asrani death से हिंदी सिनेमा को अपूरणीय क्षति

मुंबई, 21 अक्टूबर 2025 – प्रसिद्ध अभिनेता और निर्देशक गोवर्धन Asrani death, जिन्हें हम असरानी के नाम से जानते हैं, का सोमवार को मुंबई में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे 84 वर्ष के थे। असरानी के प्रबंधक बाबू भाई थिबा ने ANI को बताया, “असरानी आज दोपहर 3 बजे आरोग्य निधि अस्पताल, जुहू में हमें छोड़कर चले गए।”

असरानी के परिवार ने इंस्टाग्राम पर लिखा:

“हमारे प्रिय, जो हमेशा सभी के चेहरे पर मुस्कान लाते थे, असरानी जी अब हमारे बीच नहीं रहे। उनका जाना हिंदी सिनेमा और हमारे दिलों के लिए अपूरणीय क्षति है। उनके अभिनय द्वारा छोड़ा गया अमिट छाप हमेशा अमर रहेगा। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें। ॐ शांति।”

Asrani death : शुरुआती जीवन और करियर की शुरुआत

असरानी का जन्म 1 जनवरी 1941 को जयपुर में हुआ था। बचपन से ही उनका रुझान अभिनय की ओर था। उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो में वॉइस आर्टिस्ट के रूप में करियर शुरू किया और साहित्य कलाभाई ठक्कर से अभिनय की ट्रेनिंग ली।

1962 में उन्होंने मुंबई आकर फिल्मी करियर की ओर कदम बढ़ाया और पुणे के FTII से 1966 में स्नातक किया। शुरुआती दिनों में उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में पहचान बनाने में समय लगा। उन्होंने हम कहां जा रहे हैं, हारे कांच की चूड़ियां, उमंग, और सत्यकाम जैसी फिल्मों में छोटे-छोटे रोल्स किए।

Asrani death : फिल्मों में ब्रेकथ्रू

मुंबई में संघर्ष के दौरान असरानी ने FTII में पढ़ाना शुरू किया। इसी दौरान गुलज़ार की सिफारिश पर ऋषिकेश मुखर्जी ने उन्हें अपनी फिल्म गुड्डी (1971) में कास्ट किया।

  • गुड्डी में उन्होंने महत्वाकांक्षी अभिनेता की भूमिका निभाई।
  • इस फिल्म ने उन्हें हिंदी सिनेमा में स्थायी पहचान दिलाई।
  • जया बच्चन के साथ उनकी केमिस्ट्री ने भी फिल्म को सफल बनाया।

Asrani death : यादगार भूमिकाएं और योगदान

असरानी ने हिंदी और गुजराती फिल्मों में कई यादगार भूमिकाएं निभाईं। इनमें प्रमुख हैं:

  • बावर्ची
  • नमक हराम
  • चुपके चुपके
  • अभिमान
  • पति पत्नी और वो
  • छोटी सी बात
  • रफू चक्कर
  • खून पसीना
  • अलाप
  • अहमदाबाद नो रिक्शावालो
  • सात क़ैदी
  • संसार चक्र
  • पंखी नो माल

उनकी सबसे प्रतिष्ठित भूमिका शोले में विचित्र जेलर की रही। इस भूमिका ने उन्हें असाधारण लोकप्रियता दिलाई और फिल्म प्रेमियों के बीच उनकी यादगार पहचान बना दी।

BBC से बातचीत में असरानी ने कहा:
“50 साल बाद भी कोई ऐसा समारोह नहीं है, जहां मुझसे शोले के संवाद दोहराने के लिए नहीं कहा गया। यह सब सिप्पी साब की निर्देशन और सलीम-जावेद की लेखनी का कमाल है। मैंने इस भूमिका से बहुत कुछ सीखा।”

निर्देशन और आखिरी फिल्में

असरानी ने छह फिल्मों का निर्देशन किया और अपनी विशिष्ट शैली से दर्शकों को आकर्षित किया। उनकी आखिरी फिल्म 2023 की कॉमेडी नॉन स्टॉप धमाल थी।

करियर की हाइलाइट्स:

  • छह फिल्मों का निर्देशन
  • 100+ फिल्मों में यादगार भूमिका
  • हास्य और कॉमिक टाइमिंग के लिए प्रसिद्ध

परिवार और अंतिम संस्कार

असरानी अपनी पत्नी, अभिनेत्री मंजू असरानी, के पीछे रह गए। उनका अंतिम संस्कार सोमवार शाम को सांताक्रूज श्मशान में किया गया। उनके जाने से हिंदी सिनेमा और फिल्म प्रेमियों के बीच एक अपूरणीय शून्यता पैदा हुई।

Asrani death का प्रभाव

Asrani death ने हिंदी सिनेमा के इतिहास में एक बड़ी क्षति की है। उनकी भूमिकाएं, हास्य और संवाद हमेशा दर्शकों के दिलों में जीवित रहेंगे।

  • फिल्मों में निभाई गई भूमिकाएं पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।
  • सोशल मीडिया पर उनके सम्मान में कई श्रद्धांजलि संदेश साझा किए गए।
  • हिंदी सिनेमा ने एक चमकदार सितारा खो दिया।

असरानी न केवल एक प्रतिभाशाली अभिनेता थे, बल्कि उन्होंने कई कलाकारों को मार्गदर्शन भी दिया। उनकी यादें हमेशा जीवित रहेंगी और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।

असरानी के परिवार ने इंस्टाग्राम पर लिखा, “हमारे प्रिय, जो हमेशा सभी के चेहरे पर मुस्कान लाते थे, असरानी जी अब हमारे बीच नहीं रहे। उनका जाना हिंदी सिनेमा और हमारे दिलों के लिए अपूरणीय क्षति है। उनके अभिनय द्वारा छोड़ा गया अमिट छाप हमेशा अमर रहेगा। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें। ॐ शांति।”

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