3I/ATLAS near Earth: 29 अक्टूबर 2025 को पृथ्वी के नज़दीक – एक अद्भुत अंतरस्टेलर यात्रा

अंतरिक्ष का आश्चर्य — “3I/ATLAS near Earth को पृथ्वी के नज़दीक नामक यह वस्तु आज हमें एक अनोखी खगोलीय घटना के रूप में दिख रही है। इस ब्लॉग में विश्वास कीजिए, हम इसे हिंदी में सरल भाषा में समझेंगे — खासकर “3I/ATLAS near Earth on 29 Oct 2025” की फोकस कीवर्ड से।

क्या है 3I/ATLAS?

  • “3I/ATLAS near Earth एक अंतरस्टेलर (अंतर-सौर) वस्तु है, यानी यह हमारे सौर मंडल के बाहर से आई हुई मानी जाती है। The Guardian+1
  • इसका नाम “3I” इसलिए क्योंकि यह तीसरी पुष्टि हुई अंतरस्टेलर वस्तु है — पहले थी 1I/’Oumuamua (2017) और 2I/Borisov (2019)। The Guardian
  • इसे 1 जुलाई 2025 को ATLAS (Asteroid Terrestrial‑impact Last Alert System) द्वारा खोजा गया था। European Space Agency+1
  • वैज्ञानिकों ने इसका अध्ययन अभी तक जारी रखा है क्योंकि यह हमारी सौर प्रणाली से बाहर बनी हुई वस्तु है, जो अन्य तारों के system से आई हो सकती है। ScienceDaily+1

29 अक्टूबर 2025 — क्यों विशेष?

  • इस दिन इसे हमारे सूर्य के सबसे निकट बिंदु (perihelion) पर पहुंचने का अनुमान था — लगभग 1.4 AU (आसपास) दूरी पर।
  • साथ ही, इसे “3I/ATLAS near Earth” के संदर्भ में देखा गया है — यानी इस तारीख के करीब पृथ्वी-से भी अपेक्षाकृत निकट हो रही थी।
  • हालांकि “निकट” का अर्थ यह नहीं कि खतरा था — यह वस्तु पृथ्वी से बहुत सुरक्षित दूरी पर थी।
3I/ATLAS near Earth

“3I/ATLAS near Earth क्या यह पृथ्वी के बहुत करीब आई?

  • इस वस्तु ने पृथ्वी से सबसे निकट आने का अनुमान दिया गया है कि वह लगभग 1.8 AU दूरी पर होगी — यह लगभग 270 मिलियन किमी से भी अधिक है।
  • इस तरह से देखा जाए तो यह हमारे लिए खतरा नहीं थी — वैज्ञानिकों ने भरोसा जताया है कि “शांत” और सुरक्षित थी।
  • इसलिए, 29 अक्टूबर 2025 को “3I/ATLAS near Earth” का मतलब है सापेक्षिक रूप से निकट, न कि खतरनाक रूप से।

“3I/ATLAS near Earth क्या हम इसे देख सकेंगे?

  • दुर्भाग्य से, 29 अक्टूबर के समय यह वस्तु पृथ्वी-दृष्टि से देखने में बहुत आसान नहीं थी क्योंकि यह सूर्य के पीछे (solar conjunction) की ओर थी।
  • वैज्ञानिकों का कहना है कि यह “दृश्य” से लगभग बंद थी और बाद में दिसंबर में फिर दिखाई दे सकती थी।
  • यानी, आम व्यक्ति बिना विशेष-उपकरण के इसे नहीं देख पाएंगे — टेलीस्कोप और विशेष उपकरण की आवश्यकता थी।

“3I/ATLAS near Earth वैज्ञानिकों के लिए यह इतना खास क्यों है?

  • क्योंकि यह एक अंतर-सौर वस्तु है, इसलिए यह हमें उस सामग्री को अध्ययन करने का मौका देती है जो हमारी सौर प्रणाली के बाहर बनी है।
  • अध्ययन में पाया गया है कि “3I/ATLAS” 29 अक्टूबर 2025 को पृथ्वी के नज़दीक की कोमा (उसके चारों ओर गैस और धूल की परत) में कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) की मात्रा असाधारण रूप से अधिक है — जो कि सामान्य सौर-मंडल धूमकेतुओं से अलग है।
  • इसके कक्षीय पथ (trajectory) और गति (velocity) भी बहुत अलग है — यह हमारे सूर्य की गुरुत्वाकर्षण में बँधा नहीं प्रतीत होती, यानी यह वापस निकलने वाली है।
  • इन कारणों से वैज्ञानिकों ने कहा है कि इस तरह की वस्तु “दूसरी ताराओं के सिस्टम” के निर्माण-बिंदुओं को समझने में मददगार हो सकती है।

कुछ प्रमुख तथ्य संक्षिप्त में

  • नाम: 3I/ATLAS (C/2025 N1)
  • खोज तिथि: 1 जुलाई 2025
  • कक्षा: अत्यधिक पुंग (hyperbolic) – सूर्य को पीछे छोड़ते हुए निकलने वाली दिशा में
  • निकटतम सूर्य से दूरी (पेरिहेलियन): ~1.35–1.40 AU
  • पृथ्वी से निकटतम अनुमानित दूरी: ~1.8 AU
  • खतरा: नहीं — सुरक्षित मार्ग में
  • अद्भुत गुण: CO₂ की अधिकता, अन्य तत्वों की अनूठी मौजूदगी

“3I/ATLAS near Earth भविष्य में क्या देखने को मिल सकता है?

  • जैसे ही यह सूर्य से निकलेगा, इसकी दृष्टि (visibility) बढ़ सकती है लेकिन फिर भी बहुत बड़ी चमक की उम्मीद नहीं है — वैज्ञानिकों ने कहा है कि यह बहुत महान रूप से दृष्टिगोचर नहीं होगा।
  • यदि आप खगोल-रुचि रखते हैं, तो बड़े दूरबीन (telescope) या खगोल क्लब के माध्यम से खोजना रोचक अनुभव हो सकता है।
  • इस तरह की अंतर-सौर वस्तु भविष्य में हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हमारी सौर प्रणाली की उत्पत्ति कैसी रही होगी, और अन्य तारों के सिस्टम कैसे काम करते होंगे।

निष्कर्ष

“3I/ATLAS near Earth ” एक आकर्षक विषय है — हालांकि यह दिन वास्तव में पृथ्वी के बहुत निकट नहीं था, पर यह हमारे सौर मंडल में आए एक असाधारण अतिथि का प्रतीक है। इसने हमें यह याद दिलाया कि हम अकेले नहीं हैं, और हमारे बाहर का ब्रह्मांड कितनी विविधता और रहस्यों से भरा है।

यदि आप खगोल विज्ञान के शौकीन हैं, तो इस घटना पर ध्यान देना सार्थक होगा — हमारे विज्ञान-समुदाय ने बहुत कम ऐसे अवसर देखे हैं जहाँ “दूसरी ताराओं से आई वस्तु” इतनी करीब से गुजरे।

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