Nepal Gen Z प्रदर्शन ने देश की राजनीति में भूचाल ला दिया है, जहां युवा भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैंनेपाल आर्मी मुख्यालय के बाहर गुरुवार को माहौल अचानक तनावपूर्ण हो गया, जब जनरेशन Z (Gen Z) के विरोधी गुट आपस में भिड़ गए। अंतरिम सरकार के नेतृत्व को लेकर शुरू हुई बहस जल्द ही हाथापाई में बदल गई। इसी बीच सेना ने प्रदर्शनकारी प्रतिनिधियों के साथ बातचीत शुरू की ताकि पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद अंतरिम प्रधानमंत्री पर सहमति बनाई जा सके।
नेतृत्व के दावेदारों पर टकराव
विरोध कर रहे युवाओं के बीच अंतरिम नेतृत्व को लेकर गहरी असहमति सामने आई है। एक गुट पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की का समर्थन कर रहा है, जिन्हें उनकी ईमानदार और निडर छवि के लिए जाना जाता है। वहीं, दूसरा गुट नेपाल विद्युत प्राधिकरण के पूर्व प्रमुख कुलमान घिसिंग का नाम आगे बढ़ा रहा है। उनका तर्क है कि कार्की की नियुक्ति संविधानिक अड़चन पैदा कर सकती है, क्योंकि संविधान के अनुसार पूर्व न्यायाधीश प्रधानमंत्री पद नहीं संभाल सकते।
बढ़ता हताहतों का आंकड़ा
काठमांडू पोस्ट के अनुसार, राजधानी काठमांडू में जारी प्रदर्शनों में अब तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 25 मृतकों की पहचान कर ली गई है, जबकि छह लोग (पांच पुरुष और एक महिला) अब तक अज्ञात हैं।
सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि पहचान दस्तावेज़ों और परिजनों की पुष्टि से संभव हो पाई है। मृतकों के अलावा, देशभर के विभिन्न शहरों में अब तक 1,000 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं।
पूर्व पीएम की पत्नी गंभीर हालत में
हिंसक झड़पों के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री और सीपीएन (यूनिफाइड सोशलिस्ट) नेता झाला नाथ खनाल की पत्नी रवी लक्ष्मी चित्रकार भी बुरी तरह झुलस गईं। शुरुआती रिपोर्ट्स में उनकी मौत की खबर आई थी, लेकिन काठमांडू पोस्ट ने बाद में इसे गलत बताते हुए पुष्टि की कि वह अभी भी गंभीर हालत में हैं और जीवन के लिए संघर्ष कर रही हैं।
कैसे शुरू हुआ आंदोलन?
यह विरोध आंदोलन 8 सितंबर को काठमांडू से शुरू हुआ और देखते ही देखते पोखरा, बीरगंज और बुटवल जैसे बड़े शहरों तक फैल गया। सरकार द्वारा टैक्स व साइबर सुरक्षा के नाम पर प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर पाबंदी लगाने के बाद युवाओं का गुस्सा भड़क उठा। राजधानी समेत कई शहरी इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है, जो शुक्रवार सुबह तक लागू रहेगा।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद की राजनीति के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं। उनका गुस्सा उस समय और भड़क गया जब सोशल मीडिया पर नेताओं के बच्चों की आलीशान जीवनशैली से जुड़े वीडियो और तस्वीरें “Nepo Babies” ट्रेंड के तहत वायरल हुईं। युवाओं का मानना है कि यह आम नागरिकों और राजनीतिक अभिजात्य वर्ग के बीच की खाई को और गहरा कर रहा है।
Nepal Gen Z का संघर्ष: अंतरिम नेतृत्व पर टकराव
नेपाल आर्मी मुख्यालय के बाहर गुरुवार को स्थिति बिगड़ गई, जब जनरेशन Z (Gen Z) के दो विरोधी गुट आमने-सामने आ गए। अंतरिम सरकार के नेतृत्व को लेकर शुरू हुई गरमागरम बहस जल्द ही झड़पों में बदल गई। इस बीच सेना ने प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत शुरू की, ताकि केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद अंतरिम प्रधानमंत्री को लेकर सहमति बन सके।
अंतरिम नेतृत्व के उम्मीदवारों पर असहमति
नेतृत्व को लेकर मतभेद साफ नज़र आ रहे हैं। एक गुट पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की का समर्थन कर रहा है, जिन्हें उनकी ईमानदारी और निडर छवि के लिए सराहा जाता है। दूसरी ओर, एक बड़ा वर्ग नेपाल विद्युत प्राधिकरण के पूर्व प्रमुख कुलमान घिसिंग को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने पर जोर दे रहा है। उनका कहना है कि कार्की की नियुक्ति संवैधानिक संकट पैदा कर सकती है, क्योंकि संविधान में यह प्रावधान है कि कोई भी पूर्व न्यायाधीश प्रधानमंत्री पद पर नहीं रह सकता।
बढ़ता जनहानि का आंकड़ा
काठमांडू पोस्ट के अनुसार, राजधानी काठमांडू में जारी विरोध प्रदर्शनों में अब तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 25 मृतकों की पहचान कर ली गई है, जबकि 6 (5 पुरुष और 1 महिला) की पहचान अभी नहीं हो पाई है।
सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि मृतकों की पहचान दस्तावेज़ों और परिजनों की पुष्टि के आधार पर हुई। मौतों के अलावा, देशभर के विभिन्न शहरों में 1,000 से अधिक प्रदर्शनकारी घायल हो चुके हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी गंभीर हालत में
हिंसक झड़पों के बीच पूर्व प्रधानमंत्री और सीपीएन (यूनिफाइड सोशलिस्ट) नेता झाला नाथ खनाल की पत्नी रवी लक्ष्मी चित्रकार भी गंभीर रूप से झुलस गईं। पहले उनकी मौत की खबर फैली थी, लेकिन बाद में काठमांडू पोस्ट ने स्पष्ट किया कि वह अभी जीवित हैं और बेहद नाजुक हालत में जीवन के लिए संघर्ष कर रही हैं।
आंदोलन कैसे फैला?
यह विरोध 8 सितंबर को काठमांडू से शुरू हुआ था और धीरे-धीरे पोखरा, बीरगंज और बुटवल जैसे बड़े शहरों में फैल गया। सरकार द्वारा टैक्स और साइबर सुरक्षा के नाम पर प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने के फैसले ने युवाओं को और भड़का दिया। राजधानी समेत कई शहरों में कर्फ्यू लगाया गया है, जो शुक्रवार सुबह तक लागू रहेगा।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनका आंदोलन भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद की राजनीति के खिलाफ है। युवाओं का गुस्सा तब और बढ़ गया जब सोशल मीडिया पर नेताओं के बच्चों की आलीशान जीवनशैली “Nepo Babies” ट्रेंड के तहत वायरल होने लगी। उनका मानना है कि यह आम नागरिक और राजनीतिक वर्ग के बीच की खाई को और गहरा कर रहा है।
नेपाल प्रदर्शन लाइव अपडेट्स: ओली के इस्तीफे के बाद अंतरिम नेतृत्व के लिए पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की का नाम चर्चा में
नेपाल में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जनरेशन Nepal Z (Gen Z) के नेतृत्व में शुरू हुआ आंदोलन हिंसक रूप ले चुका है। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई झड़पों में अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। बढ़ते दबाव के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। इसके बाद नेपाल आर्मी ने देशभर में कर्फ्यू और निषेधाज्ञा लागू करने का आदेश दिया है।
सुशीला कार्की का नाम अंतरिम नेतृत्व के लिए आगे
ओली के इस्तीफे के बाद अंतरिम सरकार के नेतृत्व को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की का नाम सामने आ रहा है। उन्हें उनकी ईमानदारी और निडर छवि के लिए जाना जाता है, और युवा प्रदर्शनकारियों का एक बड़ा वर्ग उन्हें समर्थन दे रहा है।
सरकार ने सोशल मीडिया बैन वापस लिया, लेकिन गुस्सा बरकरार
हालांकि सरकार ने प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगाए गए प्रतिबंध को वापस ले लिया है, लेकिन आंदोलन शांत होने के बजाय और तेज हो गया। मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने कई नेताओं पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया। युवाओं का कहना है कि यह सिर्फ सोशल मीडिया का मुद्दा नहीं है, बल्कि लंबे समय से चले आ रहे भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के खिलाफ लड़ाई है।
देशभर में कर्फ्यू और निषेधाज्ञा लागू
बिगड़ती स्थिति को काबू करने के लिए नेपाल आर्मी ने बुधवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर निषेधाज्ञा लागू करने की घोषणा की। सेना ने कहा कि बुधवार शाम 5 बजे तक निषेधाज्ञा लागू रहेगी, जबकि गुरुवार सुबह 6 बजे से पूरे देश में कर्फ्यू लागू किया जाएगा।
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