Navratri Day 6 and Maa Katyayani: नवरात्रि के छठे दिन माँ कात्यायनी की पूजा विधि, महत्व, रंग और मंत्र

परिचय

हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व शक्ति उपासना का सबसे बड़ा उत्सव माना जाता है। नौ दिनों तक भक्त माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना करते हैं। नवरात्रि के छठे दिन (Navratri Day 6) माँ दुर्गा के कात्यायनी रूप की पूजा की जाती है। इस दिन भक्त विशेष रूप से Maa Katyayani की आराधना कर जीवन की बाधाओं से मुक्ति और विवाह में सफलता की कामना करते हैं।
वर्ष 2025 में नवरात्रि का छठा दिन 27 सितंबर को मनाया जाएगा, जो अश्विन माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है।

माँ कात्यायनी का स्वरूप और महत्व

माँ कात्यायनी को शक्ति का छठा स्वरूप माना जाता है। उनका रंग सुनहरी आभा लिए हुए है, जो लाखों सूर्यों के समान तेजस्वी बताया गया है। वे शेर पर सवार होती हैं और उनकी चार भुजाएँ हैं—दो हाथों में तलवार और कमल का पुष्प, जबकि अन्य दो हाथ अभय और वरमुद्रा में रहते हैं।
शास्त्रों में इन्हें “योद्धा देवी” कहा गया है क्योंकि इन्होंने राक्षसों और दुष्ट आत्माओं का संहार किया था। सबसे प्रसिद्ध कथा के अनुसार, माँ कात्यायनी ने असुरों के राजा महिषासुर का वध कर देवताओं की रक्षा की थी। इसीलिए इन्हें माँ महिषासुरमर्दिनी भी कहा जाता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, माँ कात्यायनी बृहस्पति ग्रह की अधिष्ठात्री देवी हैं। जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति कमजोर होता है, उन्हें इस दिन विशेष पूजा करनी चाहिए।

माँ कात्यायनी की उत्पत्ति की कथा

हिंदू पुराणों में उल्लेख है कि एक महर्षि थे जिनका नाम था ऋषि कात्यायन। वे माँ पार्वती के अनन्य भक्त थे और चाहते थे कि देवी उन्हें पुत्री स्वरूप प्राप्त हों। उनकी कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर माँ पार्वती ने उनके घर पुत्री रूप में जन्म लिया। इसी कारण इस रूप को कात्यायनी कहा गया।

Navratri Day 6 and Maa Katyayani: पूजा विधि (Puja Vidhi)

नवरात्रि के छठे दिन भक्तों को माँ कात्यायनी की पूजा विशेष विधि-विधान से करनी चाहिए।

  1. सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. पूजन स्थल पर कलश स्थापना कर माँ कात्यायनी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  3. दीपक जलाकर रोली, सिंदूर, अक्षत और पुष्प अर्पित करें।
  4. माँ को मधुर पान, मौसमी फल और घर में बने मिठाई का भोग लगाएँ।
  5. दुर्गा सप्तशती का पाठ या कावच पाठ करें।
  6. अविवाहित कन्याओं को विशेष रूप से कात्यायनी मंत्र 108 बार जपना चाहिए।
  7. सायंकालीन आरती और हवन करना शुभ माना जाता है।
  8. पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण कर केवल सात्विक भोजन ही करें।

नवरात्रि के छठे दिन का रंग (Navratri Day 6 Colour)

वर्ष 2025 में नवरात्रि के छठे दिन का शुभ रंग ग्रे (धूसर) है। यह रंग स्थिरता, संतुलन और दृढ़ता का प्रतीक माना जाता है। भक्त इस दिन ग्रे रंग के वस्त्र पहनकर माँ कात्यायनी की आराधना करते हैं।

Navratri Day 6 Bhog: छठे दिन का भोग

माँ कात्यायनी को शहद और पीले रंग के व्यंजन अत्यंत प्रिय हैं। इस दिन भक्त उन्हें शहद, पीला हलवा या केसरयुक्त पेड़े का भोग अर्पित करते हैं।

शहद वाला हलवा बनाने की विधि:

  • सामग्री: घी, सूजी, शहद, पानी, काजू, किशमिश, चिरौंजी, केसर और इलायची।
  • विधि: पहले घी में सूजी को भूनें। फिर पानी में मेवे और केसर डालकर उबालें। इसमें भुनी सूजी डालें और चीनी की जगह शहद मिलाएँ। अंत में इलायची पाउडर डालकर हलवा तैयार करें।

Maa Katyayani Mantras (मंत्र)

  1. बीज मंत्र:
    ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥
  2. कात्यायनी मंत्र (विवाह हेतु):
    कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरी।
    नन्दगोपसुतं देवी पतिं मे कुरु ते नमः॥

इन मंत्रों का जप करने से विवाह में आ रही रुकावटें दूर होती हैं और मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है।

अविवाहित कन्याओं के लिए विशेष उपाय

पौराणिक कथाओं के अनुसार वृंदावन की गोपियाँ विवाह की इच्छा से माँ कात्यायनी की आराधना करती थीं। माना जाता है कि यदि अविवाहित कन्याएँ नवरात्रि के छठे दिन श्रद्धा से माँ कात्यायनी की पूजा कर इस मंत्र का जप करती हैं, तो उन्हें शीघ्र योग्य वर की प्राप्ति होती है।

Navratri Day 6 and Maa Katyayani का आध्यात्मिक महत्व

  • माँ कात्यायनी की पूजा से भय, नकारात्मकता और शत्रुओं से मुक्ति मिलती है।
  • साधक को साहस, आत्मविश्वास और विजय का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • विवाह योग्य कन्याओं के लिए यह दिन अत्यंत फलदायी माना जाता है।
  • भक्ति भाव से की गई आराधना जीवन में संतुलन और शांति लाती है।

देशभर में उत्सव का माहौल

छठे दिन से ही दुर्गा पूजा का भव्य उत्सव बंगाल, ओडिशा, बिहार और त्रिपुरा में पूरे जोश और उमंग से मनाया जाता है। माँ कात्यायनी की प्रतिमाओं की स्थापना कर सांस्कृतिक कार्यक्रम और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है।

निष्कर्ष

नवरात्रि का छठा दिन (Navratri Day 6) शक्ति की साधना का अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन Maa Katyayani की पूजा से साधक को अपार ऊर्जा, साहस और जीवन में सफलता का वरदान प्राप्त होता है। विशेष रूप से अविवाहित कन्याओं के लिए यह दिन अत्यधिक शुभ माना जाता है। सही विधि से की गई पूजा न केवल जीवन की बाधाओं को दूर करती है बल्कि भक्त को आध्यात्मिक संतुलन और शांति का अनुभव भी कराती है।

FAQs – Navratri Day 6 and Maa Katyayani

Q1. नवरात्रि 2025 का छठा दिन कब है?
27 सितंबर 2025, अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि।

Q2. Navratri Day 6 का रंग कौन सा है?
वर्ष 2025 में छठे दिन का रंग ग्रे (धूसर) है।

Q3. माँ कात्यायनी का प्रिय भोग क्या है?
शहद और पीले रंग के व्यंजन जैसे पीला हलवा और केसर वाले पेड़े।

Q4. विवाह हेतु कौन सा मंत्र जपना चाहिए?
“कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरी। नन्दगोपसुतं देवी पतिं मे कुरु ते नमः॥”

Q5. Maa Katyayani की पूजा से क्या लाभ होता है?
विवाह में आ रही बाधाएँ दूर होती हैं, साहस और विजय का आशीर्वाद मिलता है।

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