हार्वर्ड वैज्ञानिक ने ‘Interstellar Object 3I/ATLAS Comet’ पर दिए नए बयान से बढ़ाई एलियन अटकलें

जुलाई 2025 में पहली बार खोजा गया Interstellar Object 3I/ATLAS Comet हाल ही में फिर से चर्चा में आ गया है। इसे ATLAS सर्वे टेलीस्कोप ने सबसे पहले देखा था, और अब स्पेन के कैनरी द्वीप स्थित नॉर्डिक ऑप्टिकल टेलीस्कोप से मिली नई तस्वीरों ने वैज्ञानिकों को चौंका दिया है।

रहस्यमयी अंतरतारकीय धूमकेतु

वैज्ञानिकों का मानना है कि Interstellar Object 3I/ATLAS Comet हमारे सौरमंडल के बाहर से आया है। इस धूमकेतु का व्यवहार सामान्य नहीं है — इसमें गैस का एक जेट सूर्य की ओर है, इसकी पारंपरिक पूंछ (tail) नहीं है, और इसमें निकेल टेट्राकार्बोनिल (Nickel Tetracarbonyl) नामक एक रासायनिक यौगिक पाया गया है, जो अब तक किसी प्राकृतिक धूमकेतु में नहीं मिला था।

एंटी-टेल से टेल में हुआ रहस्यमयी बदलाव

जुलाई और अगस्त 2025 के दौरान वैज्ञानिकों ने देखा कि Interstellar Object 3I/ATLAS Comet में एक दुर्लभ “एंटी-सोलर टेल” (Anti-Solar Tail) है — यानी उसकी पूंछ सूर्य की ओर नहीं बल्कि उससे उलटी दिशा में थी। लेकिन सितंबर में जब नॉर्डिक ऑप्टिकल टेलीस्कोप ने इसकी नई तस्वीरें लीं, तो पाया गया कि उसकी पूंछ की दिशा बदल गई है और अब वह सामान्य धूमकेतुओं की तरह सूर्य से विपरीत दिशा में फैल रही है।

यह परिवर्तन इतना असामान्य था कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रसिद्ध खगोलशास्त्री एवी लोएब (Avi Loeb) ने इसे “नियंत्रित चाल (Controlled Manoeuvring)” का संकेत बताया।

एलियन यान होने की संभावना?

एवी लोएब ने अपने हालिया शोध पत्र में लिखा है कि अगर यह वस्तु वास्तव में कोई एलियन स्पेसक्राफ्ट है, जो अपनी गति कम कर रहा है, तो एंटी-टेल का दिशा बदलना एक ब्रेकिंग थ्रस्ट यानी नियंत्रित रुकावट का संकेत हो सकता है।
उनके मुताबिक —

“अगर यह वस्तु जानबूझकर अपनी कक्षा बदल रही है, तो यह एक ‘टेक्नोसिग्नेचर’ (Technosignature) होगी — यानी ऐसा संकेत जो किसी बुद्धिमान सभ्यता की उपस्थिति की ओर इशारा करता है।”

लोएब का अनुमान है कि यह संभावित रूप से मंगल और बृहस्पति के बीच एक स्थिर सूर्य-केंद्रित कक्षा में आने की कोशिश कर रहा हो सकता है।

सूर्य के नजदीक पहुंचने की तैयारी

वैज्ञानिकों के अनुसार, 3I/ATLAS Comet 29 अक्टूबर 2025 को सूर्य के सबसे नजदीक (1.36 खगोलीय इकाई या AU) पहुंचेगा। वर्तमान में यह प्रति सेकंड हजारों किलोमीटर की गति से आगे बढ़ रहा है और उस पर लगभग 33 गीगावॉट सौर विकिरण पड़ रहा है।
नई तस्वीरों से पता चलता है कि सूर्य की गर्मी से इसके पीछे के हिस्से से पदार्थ छूट रहा है — जो इसे और भी रहस्यमयी बना देता है।

वैज्ञानिक समुदाय में बंटे विचार

जहां एक ओर लोएब की यह “एलियन यान” थ्योरी मीडिया और जनता के बीच बड़ी चर्चा का विषय बन गई है, वहीं कई वैज्ञानिक इसे संदेह की नजर से देख रहे हैं।
NASA सहित कई अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसियों ने इन अटकलों को नकारते हुए कहा है कि यह वस्तु किसी भी तरह का खतरा पृथ्वी के लिए नहीं है और यह सिर्फ एक असामान्य लेकिन प्राकृतिक धूमकेतु हो सकता है।

अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक निगरानी

International Asteroid Warning Network (IAWN) ने अब 3I/ATLAS Comet को अपने वैज्ञानिक अवलोकन सूची में जोड़ लिया है। संगठन ने कहा कि यह धूमकेतु पृथ्वी से लंबे समय तक दिखाई देगा, जिससे इसे अध्ययन करने का उत्कृष्ट अवसर मिलेगा।

IAWN ने अपनी वेबसाइट पर लिखा:

“हालांकि यह कोई खतरा नहीं है, लेकिन Interstellar Object 3I/ATLAS Comet वैज्ञानिक समुदाय के लिए एक बेहतरीन अवसर है, जिससे हम अंतरतारकीय वस्तुओं के व्यवहार को और गहराई से समझ सकते हैं।”

निष्कर्ष

Interstellar Object 3I/ATLAS Comet ने विज्ञान जगत में एक बार फिर बहस छेड़ दी है — क्या यह वास्तव में एक प्राकृतिक धूमकेतु है, या किसी दूरस्थ सभ्यता द्वारा भेजा गया यान?
जहां ज्यादातर वैज्ञानिक इसे प्राकृतिक घटना मान रहे हैं, वहीं Avi Loeb जैसे साहसी वैज्ञानिक इसे एक संभावित “Black Swan Event” बता रहे हैं — यानी ऐसा दुर्लभ, अप्रत्याशित और दुनिया को बदल देने वाला वैज्ञानिक रहस्य।

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