Dev Uthani Ekadashi 2025: तारीख, महत्व और धार्मिक साधना

1. प्रस्तावना

Dev Uthani Ekadashi 2025 हिन्दू धर्म में कई-सारे अवसर आए-गे लेकिन कुछ पर्व विशेष होते हैं, जिनमें आत्मा, श्रद्धा और पारिवारिक जीवन तीनों समाहित होते हैं। देव उठानी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi) उन ही में से एक है। यह दिन खास इसलिए है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु चार माह की निद्रा से जागते हैं और फिर शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। इस ब्लॉग में हम बात करेंगेDev Uthani Ekadashi 2025 के बारे में — तारीख, मुहूर्त, कथा-महत्व, पूजा-विधि और इस दिन के विशेष लाभ।

2. Dev Uthani Ekadashi 2025 की तारीख एवं मुहूर्त

Dev Uthani Ekadashi 2025 1 नवंबर 2025 को मनाई जाएगी। anytimeastro.com+3vedantu.com+3moneycontrol.com+3

  • एकादशी तिथि प्रारम्भ: 1 नवंबर 2025, सुबह 09:11 से। anytimeastro.com+2goodreturns.in+2
  • तिथि समाप्त: 2 नवंबर 2025, सुबह 07:31 पर। drikpanchang.com+1
  • पारणा (व्रत खोलने का शुभ समय): 2 नवंबर 2025 दोपहर लगभग 13:11 से 15:23 तक। timesofindia.indiatimes.com+1

इस प्रकार, 1 नवंबर को व्रत रखकर 2 नवंबर को पारणा करना शुभ माना गया है।

3. Dev Uthani Ekadashi 2025 का महत्व

इस दिन का नाम- “देव” + “उठानी” + “एकादशी” — यानी देवों का उठना या जागरण, और वह भी एकादशी तिथि में। anytimeastro.com+1

  • चार माह का चातुर्मास, जो शयान-काल माना गया था, समाप्त होता है। इस दौरान भगवान विष्णु छद्म निद्रा में रहे थे। iskconghaziabad.com+2https://www.dkscore.com/+2
  • इस तिथि के बाद शुभ कार्यों जैसे विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय आरंभ आदि का शुभारंभ माना जाता है क्योंकि शयन काल समाप्त हो गया। https://www.dkscore.com/+1
  • इसे व्रत, पूजा-आराधना और भक्ति का अवसर माना जाता है — जिसमें भक्तों को भगवान विष्णु की कृपा से सुख‐समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति की कामना होती है। vinaybajrangi.com

4. पौराणिक कथा

Dev Uthani Ekadashi 2025 पूर्व पुराणों में वर्णित है कि भगवान विष्णु ने चार माह की निद्रा ली थी जिसे शयान-एकादशी या देव शयनी एकादशी के रूप में जाना जाता है। Wikipedia+1
उस निद्रा के बाद, जिस दिन भगवान जागे-उठे, उसे देव उठानी एकादशी कहा गया। यह प्रतीक है कि ब्रह्मांडिक कार्य फिर से चालू हो रहे हैं। इस जागरण से भक्तों में आशा, ऊर्जा और नया आरंभ उत्पन्न होता है।

5. पूजा-विधि और व्रत की प्रमुख बातें

Dev Uthani Ekadashi 2025 इस दिन निम्नलिखित पूजा-विधि, व्रत तथा अनुष्ठान को अपनाया जाता है:

  • सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा-स्थल सजाएँ। anytimeastro.com+1
  • भगवान विष्णु (लाल, पीले वस्त्रों में) की मूर्ति/चित्र को स्थापित करें, तुलसी वृन्द, अक्षत, पुष्प, पंचामृत आदि अर्पित करें। timesofindia.indiatimes.com+1
  • व्रत रखें — कोई भारी भोजन न करें; फल, दूध, मीठा भोजन व्रत के उपयुक्त हैं। रात को जागरण करें, भजन-कीर्तन करें। vinaybajrangi.com+1
  • पारणा के समय निर्धारित मुहूर्त में व्रत खोलें। शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना आवश्यक है। goodreturns.in+1
  • इस दिन दान-पुण्य, सेवा और तुलसी विवाह जैसे अनुष्ठानों को विशेष रूप से शुभ माना गया है। https://www.dkscore.com/

6. व्रत के लाभ एवं शुभ परिणाम

  • इस व्रत के द्वारा मनुष्य को पापों से मुक्ति, धार्मिक तथा सामाजिक भलाई की प्राप्ति होती है। MyPandit.com+1
  • नया आरंभ करने वालों के लिए यह व्रत शुभ संयोग लाता है — जैसे व्यवसाय, विवाह, गृहस्थ जीवन आदि।
  • आध्यात्मिक दृष्टि से यह व्रत आत्म-समयोजन, ध्यान और भक्ति के लिए उत्तम अवसर देता है।

7. कहां-कहां विशेष आयोजन होते हैं

भारत के विभिन्न मंदिरों और धार्मिक केंद्रों में इस दिन विशेष पूजा-आराधना होती है। तुलसी विवाह का आयोजन जैसे कि श्री विष्णु एवं तुलसी का विवाह, बड़े उत्साह से मनाया जाता है।

8. निष्कर्ष

Dev Uthani Ekadashi 2025 केवल एक व्रत का दिन नहीं बल्कि एक नया आरंभ है — चार माह की प्रतीक्षा के बाद शुभ कार्यों की शुरुआत। इस दिन यदि श्रद्धा, भक्ति और सत्य निष्ठा से पूजा तथा व्रत किया जाए तो जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आ सकती है। आप इस अवसर को अपने परिवार, समाज, और आत्मा के लिए यादगार बना सकते हैं।

आपको Dev Uthani Ekadashi 2025 की हार्दिक शुभकामनाएँ! यदि आप पूजा-सूची, मंत्र, या किसी विशेष टिप्स जानना चाहें — तो कृपया बताएं।

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